Sunday, March 14, 2021

ERGONOMIC SAFETY

ERGONOMIC SAFETY

"एर्गोनॉमिक्स" कामकाजी आबादी की क्षमताओं के लिए कार्यस्थल की स्थिति और नौकरी की मांग को पूरा करने का विज्ञान है। एर्गोनोमिक जोखिम कारक जो व्यावसायिक चोटों और बीमारियों का कारण बन सकते हैं और / या कार्य प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं:

       दोहराव (Repetition)

       अत्यधिक बल (Excessive force)

       अजीब मुद्राएं (Awkward postures)

       स्थैतिक आसन (Static posture)

       कंपन (Vibration )

       खराब रूप से डिज़ाइन किए गए उपकरण (Poorly designed tools)

       अत्यधिक तापमान (Extreme temperature)

एर्गोनॉमिक्स समिति (Ergonomics committee )

       एर्गोनॉमिक चोट की रोकथाम की प्रक्रिया में सहयोग करना

       जोखिम मूल्यांकन प्रक्रिया के माध्यम से पहचाने गए एर्गोनोमिक प्राथमिकताओं की समीक्षा करना

       कम से कम त्रैमासिक चोटों की समीक्षा करना

       चोट की प्रवृत्ति को दूर करने के लिए योजनाओं का विकास करना।

जॉब रोटेशन योजना क्या है?

जॉब रोटेशन प्लान एक प्रक्रिया है -जो बल, दोहराव, जोखिम या अजीब मुद्राओं, या अन्य ज्ञात एर्गोनोमिक जोखिम कारकों के कारण चोट के जोखिम को कम करने में सहायता करता है

जॉब रोटेशन योजना में, कार्य का विवरण, कार्य को जॉब के रोटेशन के लिए नामांकित किया किया जाता है

जॉब के रोटेशन को कैसे विकसित किया जाता है?

       आपके विभाग के जॉब रोटेशन प्लान को विकसित करने के लिए, जॉब रोटेशन के लिए अच्छे उम्मीदवारों के कार्यों की पहचान करने के लिए निम्न में से एक या अधिक विधियों का उपयोग किया जाता है:

       1) टास्क रिस्क असेसमेंट का उपयोग: यदि रिस्क असेसमेंट उन कार्यों की पहचान करता है जिनके लिए दोहराव या बार-बार सामग्री से निपटने की आवश्यकता होती है, तो सबसे अधिक संभावना है कि जॉब रोटेशन होना चाहिए।

       2) साइट के सुरक्षा विश्लेषण का उपयोग: यदि किसी विशिष्ट विभाग या प्रक्रिया पथ में नरम ऊतक की चोटों का एक पैटर्न है, तो जॉब रोटेशन सबसे अधिक किया जाना चाहिए

एसोसिएट्स इनपुट का उपयोग:

       एसोसिएट्स को यह सूचित करना चाहिए कि SC में कौन से कार्य लंबे समय तक करना मुश्किल है।

       साइट दोहराव, बल, लंबे समय तक अजीब मुद्राएं बनाए रखने और शरीर के प्रभावित क्षेत्रों के आधार पर कार्यों को प्राथमिकता देती है।

       जॉब रोटेशन के भीतर की व्यक्ति विभिन्न मांसपेशी समूहों का उपयोग करता हैं यह मांसपेशियों को आराम करने का अवसर प्रदान करना चाहिए

PROPER LIFTING METHOD (उठाने की उचित विधि ):

       आइटम उठाते समय घुटनो का प्रयोग करें, कमर को ना झुकाएं

       आइटम को दोनों हाथों से उठायें आइटम उठाते  समय पूरा नियंत्रण रखें, तथा अच्छे आसान में रहें।

       आइटम  का वजन चेक करें तथा  या तो उस पर वजन लिखा होता है या आइटम को हिलाकर चेक करें, यदि आप सक्षम हैं तभी आइटम उठायें अन्यथा टीम लिफ्ट लें

       जब भी संभव हो, भारी या अजीब आकार की वस्तुओं के साथ, दोनों हाथों का उपयोग करके उठाया जाना चाहिए

       आइटम को शरीर से लगा कर रखें। पैर के बल बैठ कर आइटम को रखे, पालथी पर ना बैठे।

       आइटम यदि 22 kg तक या इससे कम, बॉक्स या बोरे में  है तो एक व्यक्ति उठा सकता है इससे ज्यादा है तो टीम लिफ्ट लेना अनिवार्य है।

       आइटम यदि 45 kg तक है तो ही टीम लिफ्ट ले सकतें हैं यदि इससे ज्यादा है तो मकेनिकल लिफ्ट लेना अनिवार्य है।

       आइटम को कही लेकर जाना है तो आइटम हमारे शरीर से सटा होना चाहिए।

       जब आइटम को एक जगह से दूसरे जगह पर रखना हो तो, आइटम , नाक और पैर का पंजा एक ही दिशा में होना चहिये।

टीम लिफ्ट का प्रदर्शन करते समय:

       लगभग एक ही ऊंचाई और ताकत का एक उठाने वाला साथी चुनें

       एक टीम लिफ्ट लीडर की पहचान करें जो लिफ्ट का समन्वय करेगा और लिफ्ट के दौरान निर्देश देने वाला भी होगा

       लिफ्टिंग शुरू करने से पहले लिफ्ट की योजना बनाएं

       कार्य पर ध्यान देने के लिए लिफ्ट निर्देशों को संप्रेषित करते समय आंखों का संपर्क बनाएं रखे।



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